महिला सशक्तिकरण विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाशाली बच्चियों शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने, उनका मार्गदर्शन करने, उत्थान कोचिंग संस्थान के माध्यम से कोचिंग दिलाने, बच्चियों में स्वावलंबन और आत्मविश्वास पैदा करने, ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, स्वच्छता और स्वास्थ्य के विषय में जागरूकता पैदा करने इत्यादि कार्यों के माध्यम से संस्था द्वारा महिला सशक्तिकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को मजबूती देने के लिए टीम द्वारा एक महिला विंग का गठन किया गया है जो महिलाओं की समस्याओं पर विभिन्न प्रकार के सर्वे कर डाटा एकत्रित करने, उनका विश्लेषण करने और उन समस्याओं के समाधान करने हेतु संस्था के समक्ष सुझाव प्रस्तुत करती है। महिलाओं को सम्मान के साथ जीवन जीने हेतु खुले में शौच से मुक्ति हेतु टीम द्वारा जमीनी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाशाली बच्चियों शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने, उनका मार्गदर्शन करने, उत्थान कोचिंग संस्थान के माध्यम से कोचिंग दिलाने, बच्चियों में स्वावलंबन और आत्मविश्वास पैदा करने, ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, स्वच्छता और स्वास्थ्य के विषय में जागरूकता पैदा करने इत्यादि कार्यों के माध्यम से संस्था द्वारा महिला सशक्तिकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को मजबूती देने के लिए टीम द्वारा एक महिला विंग का गठन किया गया है जो महिलाओं की समस्याओं पर विभिन्न प्रकार के सर्वे कर डाटा एकत्रित करने, उनका विश्लेषण करने और उन समस्याओं के समाधान करने हेतु संस्था के समक्ष सुझाव प्रस्तुत करती है। महिलाओं को सम्मान के साथ जीवन जीने हेतु खुले में शौच से मुक्ति हेतु टीम द्वारा जमीनी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन जागरूकता पैदा करने हेतु "ग्रीन विलेज - क्लीन विलेज" अभियान का संचालन गांव में कॉर्डिनेटर्स माध्यम से किया जाता है। जिसका का प्रमुख उद्देश्य- ग्रामीणों को स्वच्छता के विषय में जागरूक बनाना और समय-समय पर गांव में सफाई अभियान चलाना, ग्रामीणों को शौचालय निर्माण और उसके नियमित उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना, सार्वजनिक रास्तों से अतिक्रमण हटाकर उनके चौड़ीकरण के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करना, पर्यावरण संरक्षण हेतु पेड़ों की महत्ता बताने के साथ वृक्षारोपण कार्यक्रम का हर वर्ष आयोजन करना, गांव के पुराने जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना तथा जल संरक्षण के लिए कार्य करना, पेयजल समस्या के निदान के लिए पारस्परिक सहयोग से पानी की व्यवस्था करना इत्यादि।