जागरूकता लेख विस्तार से

विकास प्रक्रिया में हमारी भागीदारी

17 सितंबर 2018   लिखित द्वारा डॉ। डॉ। सत्यपाल सिंह मीणा


इस लेख का हिस्सा


14.04.2018 * # विकास प्रक्रिया में हमारी सहभागिता: * _ * ग्रामीण विकास के विभिन्न सोपान क्या हैं? * _ _ * ग्रामीण विकास की सही प्रक्रिया क्या है? * _ _ * ग्राम पंचायत और प्रशासन की ग्राम विकास में क्या भूमिका होती है? ? * _ _ * ग्राम सभा और ग्रामीणों की ग्राम विकास में क्या भूमिका है? * _ इन सभी सवालों का जवाब ज्यादातर पढ़ा-लिखा नागरिक भी नहीं जानता है। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के मायने इस बात से निर्धारित होते हैं कि कितने घरों में हेंडपंप लगाए गए हैं? कितने रैस्टोंस पर खरेज़ करवाया गया? कितने लोगों का नाम BPL लिस्ट में दर्ज किया गया और कितने लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिला? यह मान्यता है कि सरकार द्वारा ग्राम विकास के लिए कुछ पैसा आता है, जिसको सरपंच साहब प्रशासन की सहायता से गांव के विकास में लगाते हैं और कमोबेश यही स्थिति शहरी विकास की भी है। भारत वर्ष के शायद कुछ ही गांव होंगे; जहां पर ग्राम सभा द्वारा विकास के प्रस्ताव सही से तैयार किए जाते हैं और उन प्रस्तावों को ग्राम सभा द्वारा संवेदनशीलता से प्रशासन के पास प्रशासनिक और वित्तीय अनुमति के लिए भिजित हो जाता है और उसके बाद ग्रामीणों की आवश्यकता के अनुसार विकास कार्य होता है। कहने का अर्थ यह है की जन जागरूकता और जन सहभागिता के बिना ग्रामीण विकास का सपना आज भी साकार नहीं हो पा रहा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण विकास के लिए हजारों करोड़ का बजट प्रतिवर्ष चिंतन किया जाता है और खर्च भी किया जाता है। प्रशासन द्वारा न केवल योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है बल्कि उनकी मॉनीटरिंग भी की जाती है लेकिन लोगों में जन जागरूकता के अभाव के कारण इन योजनाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पाता है। सोच बदलो गांव बदलो टीम का यह मानना ​​है कि ग्रामीण विकास के सपने को अगर साकार करना है तो सरकार के प्रयासों को हमें ताकत देने की जरूरत है। लोगों में जन-जागरूकता और विकास के लिए जन-चेतना पैदा करनी होगी। लोगों को विकास में सक्रिय भागीदारी निभानी होगी। इसके लिए सबसे बड़ी जरूरत है हमारे देश के वर्तमान और भविष्य कही जाने वाली हमारी युवा पीढ़ी आगे आई और अपनी उर्जा को सकारात्मक और रचनात्मक रूप से लागू किया गया। इस देश की एकमात्र आशा की किरण हमारी युवा पीढ़ी ही है जो जन-एकाग्रता और जन-जागरूकता से देश को उन्नति के रास्ते पर ला सकती है। विकास कार्यों को तेजी से व्यापक परिवर्तन ला सकता है। सोच बदलो गांव बदलो टीम के कर्मठ कार्यकर्ता श्री मनीराम जी द्वारा ग्रामीण विकास की पूरी प्रक्रिया को बहुत ही सरल शब्दों में समझाने का प्रयास किया गया है। हम आशा करते हैं कि हमारी युवा पीढ़ी इस जानकारी का उपयोग अपने गांव और शहर के विकास के लिए कर सकेगी। 1. ग्रामीण विकास के लिए सर्वप्रथम गांव के सभी सदस्यों, विशेषकर युवा पीढ़ी, द्वारा ग्राम सभा आयोजित की जाए और उनमें भागीदारी की जाए। ग्राम पंचायत, सरपंच और सदस्यों के साथ मिलकर ग्राम स्तर के विकास कार्यों का एक वार्षिक योजना तैयार करवाना होगा। ग्राम पंचायत, सरपंच और सचिव ग्राम सभा की बैठक आयोजित करने और उस को संचालित करने के लिए जिम्मेदार हैं। ग्राम सभा का आयोजन और उसके द्वारा ग्राम विकास की चर्चा और वार्षिक योजना तैयार करना, किसी भी पंचायत और गांव के विकास के लिए सबसे ज्यादा जरूरत है। यदि किसी ग्राम पंचायत में ग्राम सभा का आयोजन नहीं किया जाता है, तो इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को को दी जाएगी। 2. वार्षिक योजना तैयार करने के बाद, ग्राम पंचायत से पंचायत समिति में उक्त विकास कार्यों को प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। ३। इसके उपरांत समय-समय पर गांव के सरपंच और लगभग 4-5 वरिष्ठ और सम्मानित नागरिकों को विकास अधिकारी से मिलकर उक्त विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट जानने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही लिखित पत्र भी देने होंगे ताकि आपके यह प्रयास या अधिकारियों से मुलाकात व्यर्थ ना हो बल्कि रिकॉर्ड में दर्ज रहे इसलिए लिखित में देना ज्यादा प्रभावी साबित है। इस कार्य में गांव की युवा पीढ़ी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आवश्यकता पड़ने पर आरटीआई और टोल फ्री नंबर 181 का भी उपयोग किया जा सकता है। 4. विकास अधिकारी, पंचायत समिति के उक्त विकास कार्यों को स्वीकृति के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद को प्रस्ताव भेजना। 5. यहां भी आपको लिखित पत्र के साथ कई बार फॉलोअप करना होगा, जब तक कि उक्त विकास कार्यों की प्रशासनिक और वितीय स्वीकृति मिल मिल जाएगी। ६। इस पूरी प्रक्रिया में (वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति मिलने तक) 1-2 वर्ष का भी समय लग सकता है। इसलिए आपको धैर्य और संयम रखना चाहिए; प्रत्येक चरण पर लगातार फूटअप करना ही होगा। एक बार वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति आने के बाद कार्य शुरू हो जाता है, उस समय हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि काम शुरू हो। हमें ध्यान रखना चाहिए कि ग्राम विकास के लिए प्रत्येक नया पैसा आया, हम सबका पैसा है और उसका सदुपयोग सुनिश्चित करना, हम सब की आर्थिक जिम्मेदारी है। 7. इसके अलावा गांव के वरिष्ठ और सम्मानित सदस्यों के साथ आपको अपनी जनप्रतिनिधियों, प्रधान, जिला प्रमुख, विधायक से भी अपनी मांगों को पूरा करने के लिए बैठक पूरी करनी होगी ताकि आप की मांगों पर त्वरित कार्यवाही हो सके। 8. इस प्रकार आप इस विकास प्रक्रिया में सहभागी बनकर कुछ ही वर्षों में अपने गांव सूरत बदल सकते हैं। दोस्तों! जब आप जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का सहयोग नहीं करेंगे, तो आप सभी लिखित पत्रों का हवाला देते हुए, टॉल फ्री नंबर 181 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। फॉल्सअप के लिए आरटीआई भी लगा सकते हैं और सर्वोच्च अधिकारियों या सीएम को भी ईमेल कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। 9. सोच बदलो गांव बदलो टीम, सभी सहयोगियों से निवेदन करती है कि सरकार और प्रशासन का सहयोग करके ग्राम विकास में भागीदार बने। आपके द्वारा किए गए जमीनी प्रयास ही धरातल पर परिवर्तनों ला सकते हैं। केवल जनप्रतिनिधियों, प्रशासन और सरकार को कोसने से हमारी तकदीर नहीं बदल सकती है। हमें अपने अधिकारों के लिए सजग होना होगा और केवल हम सच्चे अर्थों में अपने गांव, शहर, देश और समाज के प्रति अपने गुलामों का निर्वाह कर सकते हैं। 10. उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप सभी एक जिम्मेदार नागरिक की भांति, अपने नैतिक स्वास्यों की पालना के लिए, अपने गांव या शहर के विकास के लिए सक्रिय और जमीनी तौर पर भागीदारी निभाने के लिए आगे आएंगे। धन्यवाद जय हिंद। एसबीजीबी टीम