# सोच_बदलो_गांव_बदलो_अभियान 26 वीं पड़ाव # अंगारी, नैहदा क्षेत्र (थानागाजी), अलवर नैहदा क्षेत्र वासियों के विशेष अनुरोध पर सोच बदलो गांव बदलो अभियान की कोर टीम (एसबीजीबीटी) डॉ। सत्यपाल सिंह जी, जोइंट डायरेक्टर ऑफ इनकम टैक्स के मार्गदर्शन में सोच बदलो गांव बदलो यात्रा के 26 वें पड़ाव के रूप में दिनांक 18 अगस्त 2018 को राजस्थान के अलवर जिले के नैहड़ा क्षेत्र (थानागाजी) पहुंची। यहां अंगारी गांव में जनसभा का आयोजन किया गया, जिसमें आसपास के कई गांवों के लोगों ने हिस्सा लिया। कोर टीम 5-6 घंटे की यात्रा कर प्राकृतिक सौन्दर्य व हरियाली से लदी पहाड़ियों में बसे अंगारी गांव पहुंची, यहां युवाओं के जबरदस्त उत्साह और इंतजाम को देखकर टीम अभिभूत हो गई। नैहड़ा क्षेत्र वासियों ने SBGBT की कोर टीम का भव्य स्वागत किया। SBGBT कोर टीम ने अंगारी गांव पहुंचते ही SBGBT की स्थानीय इकाइयों को साथ लेकर पूरे गांव में रैली निकाली और उसके बाद सभा स्थल पर पहुंचकर टीम के प्रमुख वक्ताओं ने ग्रामीणों को संबोधित किया। श्री लाखनसिंह जी (वरिष्ठ व्याख्याता) ने अपने संबोधन के माध्यम से लोगों को अपनी मानसिकता को छोड़ अपने गांव, समाज व क्षेत्र के विकास के लिए आगे आने का आह्वान किया। बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देने की बात पर जोर दिया। श्री प्रियानंद आगले, (प्रोफेसर व मालिक ऑफ इको नीड्स फाउंडेशन) ने कहा कि युवा पीढ़ी विकास में महती भूमिका अदा कर सकती है, अदायगी तकनीक और सरकारी योजनाओं की जानकारी रखने वाले युवाओं को बहुत कुछ बदल सकते हैं। इसके लिए उन्होंने रेजर्ड ग्राम विकास समिति के गठन की जरूरत बताई साथ ही युवाओं को नशाखोरी, अंध विश्वास व पाखंडवाद से दूर रहकर वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने को कहा। डॉ। सत्यपाल सिंह मीणा, इनकम टैक्स के डायरेक्टर ऑफ जोन इनकम टैक्स ने लोगों को निर्दिष्ट किया कि सरकार व प्रशासन गांवों के विकास के लिए बहुत प्रयास कर रहे हैं लेकिन, धरातल पर अच्छे परिणाम, बिना जनसंख्याहभागिता के हासिल नहीं हो सकते। अतः ग्रामीणों को जागरूक होने की जरूरत है, ताकि वे अपने गांव के विकास में आगे बनें और ग्राम विकास समिति के माध्यम से ग्राम सभा में गांव के विकास के ज्यादा से ज्यादा और प्रभावी ढंग से प्रस्ताव पारित कर सकें। उन्होंने युवाओं और सरकारी कर्मचारियों से भी जाति व धर्म से ऊपर उठकर मानवता के लिए, अपनी मातृभूमि के लिए, अपने गांव के लिए कार्य करने का आह्वान किया। देवेंद्र सिंह जी, वरिष्ठ प्रबंधक, भारती एयरटेल ने लोगों से ग्रीन विलेज क्लीन विलेज मुहिम से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गांव के स्वच्छ सुथरे और चौड़े रास्ते ही विकास के द्वार खुले हैं। अतः गाँव के रास्तों से, आपसी सहमति व मेलजोल से, बिना सरकारी हस्तक्षेप के, अतिक्रमण हटाने की ज़रूरत है। अब संकरे रास्तों व अस्थिरता से बाहर निकलने की जरूरत है। टीम ने गांव में स्वच्छता बनाए रखने व खुले में शौच मुक्त गांव बनाने पर भी जोर दिया। इसके अतिरिक्त हर साल विशेष मौकों और बरसात के मौसम में पौधे लगाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया ताकि गांव का पर्यावरण अनुकूलित हो सके। अजय रावत जी (कवि व व्याख्याता) ने अपनी स्वरचित "सोच बदलो गाँव बदलो" कविता की सुन्दरता से उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया, उनकी यह कविता पूरे अभियान की थीम को समाहित किए हुए है। इस कविता के माध्यम से उन्होंने समाज को कई अच्छे संदेश दिए। अजय जी ने समाज के सभी वर्गों के लोगों को आपसी मनमुटाव, फूट, व वैर भाव भूलकर आपसी सौहार्द्र के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में अंगारी ग्राम पंचायत के सरपंच श्रीमान रमेश चंद जी, अंगारी सर्विसमैन ग्रुप और ग्रामीण उपस्थित थे। इस अवसर पर कोर टीम ने अंगारी सेवा मैन ग्रुप और एसबीजीबीटी अंगारी के सौजन्य से संचालित "अंबेडकर वाचनालय" का भी दौरा किया और निजी प्रयासों से लगाई गई स्ट्रीट लाइटों को भी देखा। टीम ने अंगारी गांव के युवाओं के इन रचनात्मक व उत्कृष्ट प्रयासों की जमकर सराहना की। SBGBT की बैठक से उत्साहित नैहड़ा क्षेत्र वासियों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। बाल विवाह व मृत्यु भोज पर पूर्ण रोक का संकल्प लिया गया। समरा, अंगारी ग्राम पंचायत के सरपंचों ने अगले ही दिन सोच बदलो गांव बदलो मुहिम से प्रभावित होकर पूरी पंचायत के रास्तों से अतिक्रमण हटाने, उन्हें चौड़ा करने और समतलीकरण का प्रस्ताव ग्राम सभा में बनाए रखा और कार्य शुरू कर दिया। युवाओं के उत्साह को इसी बात से जाना जा सकता है कि बैठक के बाद नैहदा क्षेत्र के 25 गांवों के युवा इस सकारात्मक मुहिम से जुड़ने के लिए आगे आए और उन्होंने SBGBT की "ग्रीन विलेज क्लीन विलेज" प्रकल्प की तर्ज पर "ग्रीन नैहडा - क्लीन नैहड़ा "अभियान शुरू किया। प्रत्येक गांव में कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया। 100 से अधिक युवाओं ने गांव के रास्तों से कूड़ा-करकट, कीचड़, गंध व अतिक्रमण हटाने और वृक्षारोपण कार्यक्रम में पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। संक्षेप में, हम सभी को अपने-अपने गांव, कस्बे ओर शहर के विकास में मिल-जुलकर छोटे छोटे प्रयास करते रहने की जरूरत है ।सकारात्मक व रचनात्मक कार्य ही विकास की धुलाई हैं। # आमजन_की_सूरत_भागी दायित्व_ही_विकास_का_आधार_है