गाँवों में सकारात्मक और रचनात्मक बदलाव की मुहिम "सोच बदलो गाँव बदलो यात्रा" अपने 27 वें पड़ाव के रूप में दिनांक 28/10/2018 को गाँव परीता (करौली) पहुंची। यह जागरूकता सभा का आयोजन गांव के युवाओं और कर्मचारियों के संगठन "सोच बदलो_परिता बदलो" के अनुरोध पर किया गया था "सोच बदलो_perita बदलो" समूह के सदस्यों में अपने गांव के प्रति लगाव और सकारात्मक परिवर्तन लाने की इच्छाशक्ति का निर्बल प्रशंसा है |
(1) परीता गाँव करौली से पश्चिम की ओर लगभग * 15-16 किमी * की दूरी पर अवस्थित लगभग * 4000 हजार * की आबादी वाला विशाल और सुंदर गाँव है। जिसमें सभी समुदायों और समाजों के लोग बडे ही प्रेम और व्यवहार से रहते हैं। ऐसी समरसता इतने विशाल गावों में कम ही देखने को मिलती है, जो वास्तव में अनुपम और सराहनीय है। भौगोलिक सेटिंग और पक्के मकानों को देखकर तो परीता, * गाँव कम कस्बा ज्यादा * लगता है।_
(2) जैसे ही, टीम ने परीता गाँव में प्रवेश किया, गाँव के लोगों ने बैण्ड बाजों के साथ टीम का उत्साह और जोरदार स्वागत किया। यह पहला अवसर था, जब टीम बैण्ड बाजों के साथ गाँव में साथ कार्यक्रम स्थल तक पहुंची हो। इस अनौके और अद्भुतताओं के लिए SBGBT परीता गाँव की युवा टीम का हार्दिक आभार प्रकट करती है। हालांकि भविष्य में किसी बैठक में इस प्रकार के कार्यक्रम की पूर्ण रूप से मनाही करती है सोच बदलो गांव बदलो टीम केवल और केवल जमीनी धरातल पर काम करने और बदलाव लाने के लिए होनी चाहिए |
(3) SBGBT की विचारधारा और धर्यपूर्ण परिणामों से प्रेरित होकर इस गाँव की युवाशक्ति ने तमाम समस्याओं और विपरीत परिस्थितियों से नियमित जूझते हुए एक नई क्रान्ति और सोच पैदा करने का बीड़ा उठाया है, जो इन नौजनों की कर्मठता और जागरुकता का परिचायक है। यह युवा वर्ग अपने गाँव की समस्याओं को लेकर बेहद चिंतित है और उन सभी समस्याओं के समाधान के लिए नियमित रूप से प्रयासरत है। इसी के फलस्वरूप अपने गाँव की दिशा और दशा दोनों को बदलने के उद्देश्य से गाँव के कुछ युवा क्रान्तिकारियों ने * SBGBT * की कार्यप्रणाली और अवधारणा से प्रेरित होकर हाल ही में "सोच बदलो_परिता बदलो" का गठन किया है, जिसके माध्यम से इस टीम ने अपने गाँव में कई रचनात्मक कार्य किए जाते हैं, जैसे: -_
(1) गाँव के प्रत्येक खंबे पर स्ट्रीट लाइट लगाना।
(2) गाँव के मुख्य रास्तों को अतिक्रमण मुक्त करके स्वच्छ और साफ रखना।
(3) गाँव के कर्मचारी वर्ग को संगठित कर गाँव की उन्नति और खुशहाली के लिए सार्थक अवदान हेतु प्रेरित करना। *
(4) जनसंख्याहभागिता के माध्यम से गाँव में बहुआयामी नवाचार स्थापित करना आदि कार्य प्रमुख हैं।
(4) "सोच बदलो_परिता बदलो" का मानना है कि सोच बदलो गांव बदलो टीम के आगमन के बाद उनका उत्साह, उमंग और उल्लास दुगना हो गया है | गांव के युवाओं ने विश्वास दिलाया की करौली जिले के आसपास के गांव में हो सोच बदलो गांव बदलो मुहिम को आगे चलिए | युवाओं ने टीम को विश्वास बताया है कि गांव में बहुत से काम प्रस्तावित है जैसे: -
(1) गाँव में पात व्यसन और नशा खोरी जैसी बुराइयों को समाप्त करना।
(2) गांव में नियमित रूप से स्वच्छता अभियान चलाकर साफ-सफाई बनाए रखना।
(3) घरों से निकलकर मुख्य सडकों पर व्यर्थ में बहने वाले पानी को पूर्ण इतना बंद करना, साथ ही गाँव को स्वच्छ बनाने के लिए पानी को घरों के अंदर गड्डे खोदकर उसके उचित सरंक्षण की व्यवस्था करना।
(4) बच्चों के लिए नि: शुल्क कोचिंग और पुस्तकालय की व्यवस्था करना।
(५) गाँव को अतिक्रमण मुक्त करना।
(6) गाँव में सार्वजनिक स्थानों और सड़कों पर स्ट्रीट लाइट का उचित प्रबंधन करना।
(7) गाँव में ताश, जुआ जैसे खेलों पर प्रतिबंध लगाना और इसके साथ ही गाँव में प्रचलित सभी कुरीतियों को खत्म करने के लिए हर संभव प्रयास करना।
(5) बैठक के दौरान * SBGBT * के सभी कार्यकर्ताओं ने अपने अनुभवों और ज्ञान के आधार पर गाँव वासियों को प्रेरित और प्रोत्साहित किया। साथ ही टीम के द्वारा अब तक किए गए सार्थक प्रयास और उन्हें मिली उपलब्धियों के बारे में बखूबी से अवगत कराया गया। टीम के कार्यकर्ताओं ने गांव वालों को विश्वास दिलाया कि दृढ़ता और बदलाव की इस मुहिम में हम आपके साथ कदम से कदम मिलाकर आगे चल रहे हैं। तैयार हैं | टीम के साथियों ने इस प्रकार आप परिवर्तनों से उनके जीवन उनके परिवार और उनके गांव में हुए परिवर्तनोंों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की जिसका बहुत ही सकारात्मक प्रभाव गांव वालों के उत्साह में देखने को मिला | टीम के कार्यकर्ताओं ने गांव की युवा पीढ़ी को पूरे जोश और जुनून के साथ गांव के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया |
(६) कार्यक्रम का समापन ग्रासवासियों द्वारा * भगवान नृसिंह * को साक्षी मानकर, सभी * कुरीतियों * को जड़ से खत्म करने और गाँव की उन्नति और विकास के लिए * तन-मन-धन * से सहयोग करने की सप सपथ * के बारे में किया गया है। । इस सुखद समापन के पश्चात गाँव की बुद्धिजीवियों और प्रबुद्धजनों ने आशीर्वाद स्वरूप टीम को * धन्यवाद * ज्ञापन किया।
(7) SBGBT परीता गाँव के युवा और बुजुर्गों की कर्मठता और जज्बे को सलाम करता है। जिस तरह की एकता, सहिष्णुता, संभावना और अर्पण गाँव के लोगों में देखा गया, वह वास्तव में अनुपम और सराहनीय है।] परीता गाँव का हर कार्यकर्ता अपने गाँव को उन्नति की राह पर ले जाने का दम रखता है, जिसमें बुजुर्गों का भरपूर सहयोग और आशीर्वाद भी शामिल है। अत: निश्चित ही, उनका प्रयास दूरगामी परिणाम लेकर आयांगे।_
(() यात्रा के अंत में एक अद्भुत और अविश्वसनीय वाकया हुआ; जिनके बारे में सभी सहयोगियों को अत्यंत आवश्यक समझना है: -
_जैसे ही टीम विदा होकर गाँव से बाहर निकली, तो गाँव के ही एक युवा ने हमारी गाडी को गाँव के मुहाने पर बने * मोटे तौर पर * रोक दिया। बेहद खूबसूरत और शानदार पहनाव के ठीक बगल में एक * शराब का ठेका * भी चिपका हुआ था। यह सब धरोहर इस युवा की थी। जो व्यसनों से मुक्त बेहद गंभीर और प्रभावशाली व्यक्ति था। टीम के विचारों से इस युवा का ऐसा हृदय परिवर्तन हुआ, कि उसने टीम से बडे ही रिपाटाप और विनम्र भाव से पूरे होश-ओ-हवास में आश्वासन देकर कहा, कि मैं सालों से चल रही इस ठेके को बंद करके यहां स्कूल खोलना चाहती हूं। । हालाँकि हम अभी भी इस बात से पूर्ण इतना आश्वस्त नहीं है, फिर भी यह देखना ज़रूरी है, कि उस युवा ने स्वे शुभ से टीम को जो वचन दिया है, उसे वह कब तक पूरा करना है। इसी तरह वे बहुत आश्चर्यजनक और हर्षित करने वाले थे। अगर उस नौजवान ने अपने कहने के अनुसार बात रख दी, तो यह टीम के लिए विशेष लक्ष्य साबित होगा ।_
(9) SBGBT इस तरह की सोच रखने वाले हर उस व्यक्ति का सम्मान और प्रशंसा करता है, जो आगे आकर मानव हित में कार्य करना चाहता है। सहयोगियों, दृढ़ता और रचनात्मकता की इस वैचारिक मुहिम को, जन-जन तक पहुँचाना हमारा मूल उद्देश्य और कर्म है। अत: आज जिस तरह लोग * SBGBT * को आशा और विश्वास की निगाहों से देख रहे हैं, तो हमारी भी ये नैतिक जिम्मेदारी बनती है, कि हम पूरी निष्ठा और छापन के साथ उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का हरसंभव संभव करें। निश्चित ही, आप सभी के अपार सहयोग औरप्रिंटन से समाज परिष्करण और मानवहित में बहने वाली यह क्रांतिकारी पावन धारा इसी तरह प्रवाहित होती रहेगी। इसी आशा और विश्वास के साथ आप सभी योगदानकर्ताओं का दिल से अनंत आभार।_