नमस्कार सहकर्मियों
दिनांक 19 अप्रैल 2018 को मेरे परिवार में मेरी चचेरी बहिन की शादी थी जिसका बारात मकरानी से आई थी। जैसा कि अमूमन शादियों में होता है कि बारात के खाने के पश्चात बीड़ी सिगरेट, सुपारी आदि परोसी जाती है जिसमें आप सभी ने भी महसूस किया होगा कि बारात में आने वाले छोटे 2 बच्चे भी सिगरेट आदि उठा लेते हैं और व शौक से खुलेआम मुस्कुराते हैं। हैं और बुजुर्ग लोग भी उनकी इस बात को हल्के में लेकर ये बोलकर नजरअंदाज कर देते हैं कि बारात मास्टर में ऐसा चलता रहता है और हमारी ऐसी। छोटी सी लापरवाही से हमारी नई पीढ़ी नशाखोरी की पहली सीढ़ी पर कदम रखती जाती है और उनमे से कुछ युवक धीरे 2 पूर्ण तो नशाखोरी आदि में लिपट हो जाते हैं। हमने ग्राम के बुजुर्गों के सामने बारात के लिए सिर्फ सोंफ सुपारी परोसने की बात कही और बीड़ी सिगरेट न परोसने का प्रिस्टब रखा। कुछ एक व्यक्ति बीड़ी सिगरेट के पक्ष के तर्क देने लगे लेकिन अंतिम सभी सम्मति से फैसला लिया कि बीड़ी सिगरेट नहीं परोसी होगी और इस परंपरा को आगे भी जारी रखा जाएगा।
दिनांक 16 अप्रैल 2018 को सोच बदलो गांव बदलो टीम द्वारा विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर व पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए सरमथुरा जिला धौलपुर में निशुल्क संचालित उत्थान कोचिंग संस्थान में छात्र व छात्राओं से रूबरू होने का अवसर हुआ। साथियों लगभग 300 से भी ज्यादा छात्र व छात्राओं की आंखों में छिपे वो सैकड़ों सपने सचत दिखाई दे रहे थे और ऐसा लग रहा था मानो उन सपनों के बोझ को हमारे शिक्षक केयो ने सहर्ष स्वीकार कर रखा है। कोचिंग में अपना अमूल्य योगदान देने वाले सभी शिक्षक बंधु व प्रबंधन समिति के सभी सदस्यों द्वारा निस्वार्थ भाव से की जा रही इस मानवीय सेवा के लिए धन्यवाद ज्ञापन के लिए आज मुझे शब्द ही नहीं मिल रहे हैं। छात्रों को संबोधित करते हुए उनसे अपील की गई कि आप भी शैक्षिक विकास के साथ साथ परोपकारिता, आपसी सहयोग, असहास की मदद करें, मानव समाज की सेवा। आने वाली भीषण गर्मी में मूक जीव जंतुओं को पानी की व्यवस्था करें व आगामी मानसून सीजन में एक पौधा अवश्य लगाएं और धरती माँ को जीवित रखने में अपनी भूमिका निभाता है।