"बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करने और शिक्षा का स्तर जाँचने के लिए सोच बदलो गांव बदलो टीम की शिक्षा पुरस्कार" - "शिक्षा पाओ, ज्ञान बढ़ाओ प्रतियोगिता"
किसी भी समाज और देश का भविष्य इस बात में निर्भर करता है कि उस देश के बच्चे भविष्य के कैसे अच्छे सपने संजोते हैं और समाज उन्हें पूरा करने में कितनी सहायता करता है | गरीब बच्चों विशेषकर ग्रामीण परिवेश के बच्चों के सपनों के सपने ही बनते रह जाते हैं क्योंकि उचित मार्गदर्शन और आवश्यक सुविधाओं का अभाव उनके सपनों को जन्म लेते ही मार देता है | आज भी हमारी शिक्षा व्यवस्था साक्षरता तक ही सीमित है | यही कारण है कि विभिन्न प्रकार की डिग्रियां होने के बावजूद भी हमारे युवा बेरोजगार घूम रहे हैं
ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने, बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करने, बच्चों के शैक्षणिक स्तर का मूल्यांकन करने और शिक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए सोच बदलो गांव बदलो टीम द्वारा शिक्षा पर ज्ञान बढ़ाओ प्रतियोगिता का आयोजन द्वितीय वर्ष सफलतापूर्वक किया गया। इस वर्ष * "शिक्षा पाओ-ज्ञान बढ़ाओ प्रतियोगिता" * का सफल आयोजन 21 पंचायतों में कराया गया जैसे धनौरा, खानपुर, उमरेह, कांसोटी खेड़ा, सिंगोरई, सुनीपुर, चिलातनद, रहली, बरौली, बझौली, पोस्टमपुरा, मोठियपुरा, खुर्दिया, लीलोई डौमई, बड़ागांव, बीलोनी, बिप, हांसई के साथ-साथ भरतपुर जिले के चोखंडा मिलकपुर। घने कोहरे के बावजूद छात्र निर्धारित समय पर परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे। छात्रों में इस प्रतियोगिता को लेकर अपार उत्साह देखने को मिला। इस परीक्षा में लगभग 3600 छात्रों ने भाग लिया था। प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 10 तक के बच्चों को सम्मित किया गया जिसमें व्यवहारिक ज्ञान और सामान्य ज्ञान के साथ साथ उसी कक्षा के प्रश्नों को सम्मलित किया गया है। उपस्थित सभी बच्चों को समाज के प्रति जिम्मेदारी, बुरे व्यसनों से दूर रहने, गांव को स्वच्छ रखने व अभी तक अपने लक्ष्यों को निर्धारित करने की और प्रेरित किया गया है।
प्रतियोगिता में उच्च स्तर प्राप्त करने वाले बच्चों के न केवल सम्मान किया जाएगा बल्कि प्रतिभावान छात्रों की खोज कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए आवश्यक सुविधाएं और सहायता भी प्रदान की जाएगी | इस अवसर पर टीम ने आव्हान किया कि हम सब लोगों को मिलकर बच्चों की भविष्य निर्माण के लिए अपनी क्षमता के अनुसार सहयोग करना चाहिए टीम का मानना है कि "केवल शिक्षा ही हमारे वर्तमान और भविष्य को उज्ज्वल बना सकती है | समरसता सामंजस्य और समृद्धि पर आधारित समाज का निर्माण ऑनलाइन शिक्षा द्वारा ही किया जा सकता है |" प्रतियोगिता के संयोजक के रूप में श्री प्रेम सिंह रावत ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। परीक्षा केंद्रों पर छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए पेन और बिस्कुट आदि बांटे गए। इस प्रतियोगिता को सफल बनाने में भगवानदास, श्रीनिवास, महेश, मुरारीलाल, परशुराम, मुकेश मीना, रामनरेश, संतराम, खुशीलाल, हेमराज, अजय रावत, रामफल, महेंद्र, धर्मसिंह, धर्मवीर