# सांसें हो रही है कम, # आओ पेड़ लगाए हम
सम्पूर्ण विकास
करौली जिले में फार्म पाउंड हो रहा वरदान साबित हो रहा है
इंसान अगर कुछ करने की ठान ले तो बंजर भूमी को भी हरियाली की चादर उड़ा सकता है। ऐसी ही महान सोच के धनी है ग्राम- सलावद, तहसील- नादौती, जिला- करौली निवासी प्रहलाद सुरविया,
श्री प्रहलाद विगत कुछ वर्षों से पानी की अत्यधिक कमी की होती हुई भी टैंकर के माध्यम से माड़ (सूखा पड़) क्षेत्र में बेमौसमी सब्जियों की खेती जैविक विधि से कर रहे थे लेकिन यह उनके लिए अधिक लाभकारी साबित नहीं हो रहा था।
उनकी इस लगन और मेहनत को कृषि विभाग करौली के कर्मचारी और अधिकारियो ने देखा तो प्रधानमंत्री कृशि सिंचाई योजना के तहत उन्हें कृषि विभाग द्वारा के माध्यम चालिये जा रहे हैं "" खेत तलाई "" योजना के बारे में अवगत करवाया जिसमें किसान अपने खेत पर 20X20X3 मीटर आकार के तालाब के लिए 63,000 रुपए अनुदान स्वरूप दिया जाता है। चूंकि नादौती क्षेत्र की मिट्टी काली और चिकनी है, इसलिए यदि एक बार वर्षात का पानी आ जाता है तो वर्षो तक भरा रहता है। जिन क्षेत्रों में जमीन में पानी नहीं रुकता उन क्षेत्रों में किसान "प्लस्टिक सीट" बिछा सकते है इस पर सरकार 90,000 रुपये अनुदान देती है साथ ही किसान को फव्वरा संयंत्र पर 50% अनुदान उपलब्ध कराए जाते है साथ ही पानी उठाने के लिए डीजल भंडार सेट और पानी की बचत के लिए बूंद-बूंद सिंचाई एवम नमी संरक्षण और खरपतवारों के नियंत्रण के लिए प्लास्टिक मल्च भी अनुदान पर उपलब्ध करवाया।
जिससे आज कृषक प्रहलाद अपने क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में कार्य कर रहा है और क्षेत्र के लोगो को प्रोत्साहित कर रहा है।)
आज प्रहलाद ने परम्परागत फसलों की खेती सिर्फ अपने परिवार की जरूरतों के लायक ही की है क्योंकि विगत कुछ वर्षों से परम्परागत खेती केवल एक परियोजना का सौदा साबित हो रहा था जिससे प्रहलाद की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही थी,
इन दिनों प्रहलाद अपने खेतों पर 1 हैक्टर में बेमौशम में खीरे, 2 बीघा में छप्पन कद्दू, 2 बीघा में ककड़ी, 1 बीघा में भिंडी की खेती सफलता पूर्वक ले रही है। जिससे प्रतिदिन नकदी और अधिक आमदनी हो रही है और आर्थिक स्थिति पहले की अपेक्षा बेहतर है।
कृषक प्रहलाद के अनुसार ये सब कृषि विभाग के कर्मचारी पिन्टु मीना, रामसिंह सहायक कृषि अधिकारी, जल सिंह उधान अभियंता के मार्गदर्शन और विभाग द्वारा किसानों के लिए दिए जाने वाले अनुदान की बदौलत ही सम्भव हुआ है।
लोगो में बड़े कोतूहल का विषय यह की सब्जियों के सभी रोग किट बीमारियों का इलाज बिना किसी जैविक दवाओ के प्रयोग से हो रहा है। जिनकी बजह से प्रहलाद को अन्य किसानों से बेहतर बाजार भाव मिल रहा है साथ ही उनके उत्पादों की बाजार में मांग भी अन्य किसानों की फसलों से ज्यादा है। उन्होंने खेती की लागत को भी बहुत कम किया है, जिसका बदौलत शुद्ध लाभ भी अच्छा मिल रहा है।
कृषि पर्यवेक्षक पिन्टु मीना के अनुसार प्रहलाद एक बहुत ही प्रगतिशील सोच के धनी पिछले भाग सालों से सिर्फ जैविक (नीचे तेल, छाछ ,, तम्बाकू, गा मूत्र मूत्र दवाओ विधि से दवाओं को तैयार कर खेती कर रहा है।
जहाँ लोग खेतो में अनाधुन्ध रसायनों का प्रयोग कर रातो रात सब्जियों का वजन और आकार बढ़ाने में लग रहे है वहाँ पर पूर्णतया जहर मुक्त खेती करना अपने आप में एक बहुत अच्छी पहल है।
आने वाले समय में जिले में इसका क्षेत्र फल बढ़ने की संभावना है
किसानों को संदेश: - मैं प्रहलाद पुरविया एक सामान्य किसान हूँ और सामान्य तरीके से खेती कर रहा था लेकिन पानी की कमी के कारण ये ढंग से नहीं चल रहा था पारिवारिक स्थिति खराब होने जा रही थी तब तक मैंने खेत तलाई योजना का लाभ लिया। वर्षत के पानी को संरक्षित कर खेती प्रारम्भ की है अब मैं आधुनिक खेती कर रहा हूँ और अच्छी आमदनी ले रहा हूँ साथ ही सभी किसान सैनिकों से निवेदन है कि कृषि विभाग के योजनाओ का लाभ ले और आधुनिक खेती को अपनाएँ।