SBGBT की दूसरी बैठक का आयोजन बीलौन गाँव में किया गया। यह गाँव सरमथुरा से पश्चिम की ओर लगभग 16 किमी की दूरी पर डांग क्षेत्र में बसा हुआ है। विशाल आबादी वाले इस गाँव में लगभग 600 घर हैं, जिनकी कुल आबादी में लगभग 2800 है। पिछड़े और अपित डांग क्षेत्र में रहने वाले इस गाँव की मिट्टी में कई प्रतिभाओं ने जन्म लिया है, जिसके कारण यह गाँव में कर्मचारियों की संख्या 70 के करीब है l हाल ही में इस गाँव के होनहार डॉ। राजेश मीना का चयन सिविल सेवा में होना हम सभी के लिए अपमान की बात है।
प्राचीन रियासत और इस गाँव की देवी देवी बीलौनी माता का एक भव्य मंदिर गाँव में अवस्थानी है, जहाँ प्रतिवर्ष विशाल मेला लगता है। आस्था और भ्रमण की दृष्टि से यह पावन तीर्थ स्थल बेहद खूबसूरत और मनोहर है। आए दिन सैंकड़ों लोग यहां दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर के बगल से पार्वती नदी बहती है, जिसमें बाहर से आए श्रद्धालु स्नान करके पुण्यप्रक्षेत्र के काम करते हैं।
SBGBT की यात्रा के पश्चात इस ग्राम पंचायत में जो अभूतपूर्व और ऐतिहासिक परिवर्तन हुआ उसके लिए सारा गाँव प्रशंसा का पात्र है। इस गाँव के युवा सरपंच प्रतिनिधियों हेमराज मीना ने आबादीहोगी और आबादीहभागिता के बल पर यहां कई सार्थक कार्य ऐसे किए हैं, जो आज मिसल बन चुके हैं। इन्हीं कल्याणकारी प्रयासों की बदौलत इस गांव की दशा और दिशा में जो महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं वह रोमांचक हैं। जिनका यह प्रकार है: -
1 पार्वती नदी पर ऐतिहासिक पुल का निर्माण-
बिलोनी ग्राम पंचायत की परिधि में अवस्थी 20 गांवों की प्रमुख समस्या दुर्गम और पुल विहीन मार्ग की थी। जिसके चलते बरसात के समय नदी के तेज बहाव से गुजरने के दौरान अब तक कई लोगों और लिंग की हानि का खामियाजा गाँव वालों को सहना पडा। बरसात के दिनों में 4 महीने तक ग्रामीणों को बोलने के लिए भारी समस्या और परेशानी का सामना करना पड़ता था। सबसे ज्यादा जहमत प्रसूताएं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को उठानी पडती थी।
इस दुर्गम रास्ते से होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए सरपंच प्रतिनिधियों ने पुल निर्माण के लिए ग्राम वासियों को साथ लेकर जिला स्तर पर जिला कलेक्ट्रेट, विधायक, सांसद, जिला प्रमुख आदि माध्यमों से & उनके लेटर पैड पर डिजायर करवा कर बार बार सचिवालय में भी संपर्क किया। किया हुआ। तब कहीं जाकर इस कार्य को स्वीकृति मिली और आज इस दुर्गम रास्ते पर एक विशाल और मजबूत पुल बनकर तैयार हो गया है, जिस पर अब प्रेमी भी शुरू हो चुके हैं।
2 गाँव के उच्च प्राथमिक विद्यालय को माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करवाना
शिक्षा ही जीवन का मूल आधार है, जहां कहीं भी शिक्षा का अभाव है, वहां पिछड़ापन साफ नजर आता है। SBGBT की यात्रा के दौरान भी एक महिला ने इसी विषय के परिप्रेक्ष्य में अपनी बात रखी थी, कि आज गाँव में जनसंख्या की दृष्टि से हमारे बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए माध्यमिक स्तर के विद्यालय की बेहद आवश्यकता है। उसी दिन से गाँव के लोग और सरपंच की उपस्थिति ने इस कार्य के लिए सबसे अधिक प्रयास किए। फलस्वरूप गाँव का विद्यालय जो 1976 से उच्च प्राथमिक तक (8 वीं) था, अब वह 40 साल बाद सैकंदरी विद्यालय के रूप में तब्दील हो गया। इस उत्साहपूर्ण कामयाबी के लिए गाँव वासियों ने अथक प्रयास किया। जिसके दौरान ग्राम वासियों ने अपने बच्चों के साथ मिलकर जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन भी किया।
जिला स्तर के मंत्री से संबंधित राज्य मंत्री, यहां तक कि मुख्यमंत्री से भी कई बार इस विषय पर चर्चा हुई। अंत में सफलता हासिल हुई, यह पूरे ग्रामीणों के लिए गौरब की बात है।
3 ग्राम पंचायत में उप स्वास्थ्य केंद्र (डिस्पेंसरी) की स्वीकृति (जिसका निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है।)
ग्राम पंचायत में सामान्य चिकित्सालय ना होने की वजह से ग्रामीणों को गंभीर की स्थिति में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन उक्त दोनों कार्यों के साथ ही इस क्षेत्र में भी प्रयास किए गए। जिसमें ग्रामीणों के सामूहिक प्रयत्नों से आशानुरूप को सफलता प्राप्त हुई।
4 पशु चिकित्सा केंद्र की स्वीकृति
इसके लिए जिला स्तर पर एवं मंत्रियों से भी कई बार संपर्क किया गया। इसमें विशेष सहयोगी धौलपुर की वर्तमान विधायक का रहा, उसके लिए सभी गाँव वासी उनके आभारी हैं।
5 सरपंच के प्रयासों से गौरव पथ की स्वीकृति जिसके तीसरे चरण में टेंडर जारी हुआ तत्पश्चात वर्क आर्डर मिलना के बाद निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है।
6. कॉलेज से गांव के मुख्य रास्ते तक पक्की सड़क का निर्माण किया गया है। पूर्व में यह रास्ता 8-9 फीट ही चौड़ा था, जिसे वर्तमान में ग्रामीणों के सहयोग से 15 फीट 16 फीट तक चौड़ा किया गया है।
7. वीलौनी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले सिद्ध पुरा को राजस्व ग्राम का दर्जा दिलवाने के साथ ही वहाँ के ग्राम वासियों के विशेष सहयोग से गाँव में बिजली पहुंचने का कार्य भी सफल हुआ।
8. वीलौनी से खरौली गाँव की ओर जाने वाला रास्ता बेहद सँकरा होने के कारण सुनने में परेशानी का सबब बना हुआ था, जिसे गाँव वासियों को समझा-बुझाकर 15 से 20 फुट चौड़ा किया गया है।
9. धोबी, कोली, मुस्लिम और जाटव बस्ती की ओर जाने वाले पगडंडी वाले रास्ते को 8 से 10 फीट चौड़ा कर सीसी निर्माण कार्य करवा दिया गया है।
9 संपूर्ण ग्राम पंचायत में पानी की टंकियों और पशु प्याऊ का निर्माण कार्य करवाया गया है।
10 इसके अतिरिक्त पोखर निर्माण कार्य, मुख्य रास्तों पर सीसी रोड निर्माण (60% भाग),
खाद्य सुरक्षा भंडार, अटल सेवा केंद्र, रपट निर्माण आदि कार्य आबादीहोग से साकार हुए हैं। आगे भी जनहित में सार्थक प्रयास जारी रहें, उसके लिए SBGBT की प्रेरणा और प्रोत्साहन usशा साथ है। उक्त सभी कार्यों को साकार रूप प्रदान करने के लिए SBGBT और ग्रामवासियों का अपार सहयोग और छापन रहा है। इसके लिए सभी का हार्दिक आभार।
धन्यवाद
जय हिंद, जय एसबीजीबीटी